सेक्स सीमन के प्रयोग से सौ से नब्बे प्रतिशत बछिया ले रही जन्म : डॉ. देशमुख 

सेक्स सीमन के उपयोग से देश में आ सकती है श्वेत क्रांति 
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने केंद्र व राज्य सरकार को सब्सिडी देने के लिए किया राजी: सर्वेश कुमार 
बेगूसराय। 100 में 90 बछिया पैदा ले रही है। इससे दूध के क्षेत्र में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इससे देश में अपने आप श्वेत क्रांति आ सकती है। उन्होंने बताया कि 2017 में 2000 रुपये में एक यूनिट सीमन मिलता था। इसकी वजह से किसान इसका अधिक उपयोग नहीं कर पाते थे। इसकी पहुंच काफी सीमित क्षेत्रों में था। ये बातें शाम्हो कैटल ब्रीड फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड द्वारा बुधवार को गंगा ग्लोबल मैनेजमेंट कॉलेज एमबीए के सभागार में कृत्रिम गर्भाधान कराने वाले प्रशिक्षित ग्रामीण पशुओं चिकित्सकों को एक दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पुणे से आए एबीएस कंपनी के विशेषज्ञ डॉ परीक्षित देशमुख एवं डॉ सुनील कुमार ने कही। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र के विकास को लेकर एमबीए कॉलेज द्वारा किए जा रहे प्रयास से पशुपालक किसानों के आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद जगी है।
 सेक्स सीमन एंड जैनमिक्सी सीमन के उपयोग से होने वाले फायदे कब दे कैसे दे पर क्यों देना चाहिए जैसे विषयों पर विस्तार से जानकारी दी। जिले भर से आए चयनित ग्रामीण पशु चिकित्सकों को विशेषज्ञ डॉ देशमुख ने बताया कि 2019 में केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने जब इसको लेकर पहल की तो सरकार ने सब्सिडी देना शुरू किया है। तबसे किसान अधिक से अधिक इसका उपयोग कर रहे हैं और इसका लाभ भी देखने को मिल रहा है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सह आयोजक संस्था के अध्यक्ष एमएलसी सर्वेश कुमार ने कहा कि इसके पीछे स्थानीय सांसद सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का बहुत बड़ा योगदान है। केंद्रीय मंत्री ने एबीएस कंपनी से मिलकर एक तरफ जहां कीमत में कमी लाने को लेकर सार्थक प्रयास किया है वही दूसरी ओर उन्होंने केंद्र एवं राज्य सरकार को सब्सिडी देने के लिए भी राजी किया है। इसी का नतीजा है कि अब बरौनी डेयरी मात्र 190 में सेक्स सीमन उपलब्ध करा रही है। उन्होंने उपस्थित सभी ग्रामीण पशु चिकित्सकों से कहा कि यदि आप लोग पांच से सात साल तक लगातार सिर्फ बछिया पैदा हो इसके लिए तकनीकी सहयोग एवं किसानों को जागरुक करें तो दूध के क्षेत्र में बेगूसराय जिला क्रांति का सूत्रधार हो सकता है। उन्होंने कहा कि पांच से सात साल में दूध उत्पादन के क्षेत्र में 50 प्रतिशत की वृद्धि होगी। जिससे एक तरफ जहां किसानों की आय दुगुनी होगी वही हम आत्मनिर्भर होंगे। कार्यशाला के अंत में सभी पशु चिकित्सकों को प्रमाण पत्र दिया गया। कार्यशाला को नाबार्ड के डीडीएम डॉ राखी कुमारी जिला पशुपालन अधिकारी डॉ राकेश कुमार ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ सबाहत अंजुम तो धन्यवाद ज्ञापन गंगा ग्लोबल मैनेजमेंट कॉलेज के प्राचार्य डॉ सुधा झा ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में आयोजन समिति के डॉ अभिजीत कुमार कार्यक्रम संयोजक सुरभि और शिवम् कुमार ने महत्वपूर्ण योगदान किया।
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