मां एक शब्द नहीं बल्कि ईश्वर का रूप है जो विपरीत परिस्थितियों में भी हर पीड़ा को सहती है : नवजोत सिमी

मां शब्द में सारी दुनिया समा जाती है वही मां के लिए संतान ही उसकी दुनिया होती है

बेगूसराय। मदर्स डे के उपलक्ष्य पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भव्य आयोजन माउंट लिट्रा पब्लिक स्कूल उलाव के प्रांगण में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि सम्माननीय डॉक्टर नवजोत सिमी I.P.S ने दीप प्रज्वलित कर की। इस अवसर पर कक्षा प्ले ग्रुप से चतुर्थ के नन्हे बच्चों ने मां को समर्पित संगीत ऐसा क्यों मां थैंक यू मॉम आई लव माय मम्मी आज मेरी मां जन्म जन्म यादों की बारात आदि भावपूर्ण संगीत से दर्शक दीर्घा में बैठी माताओं को मंत्र-मुग्ध किया। वहीं आज की नव पीढ़ी में मां के प्रति कर्तव्यों को अंतःकरण में बीजारोपण के लिए एक लघु नाटक मां घर की दुनिया प्रस्तुत की गई। इस अवसर पर डॉक्टर नवजोत सिमी ने उपस्थित माताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मां एक शब्द नहीं बल्कि ईश्वर का रूप है जो विपरीत परिस्थितियों में भी हर पीड़ा को सहकर नौ माह तक अपने बच्चे को गर्भ में रखती है बस उसकी किलकारी सुनने के लिए। जो पालने में ही गूंगे जुबान को भाषा बोली का बोध कराती है जहां मां शब्द में सारी दुनिया समा जाती है वही मां के लिए संतान ही उसकी दुनिया होती है।

विद्यालय की प्राचार्या डॉ शीतल देवा ने कहा कि मां जो खुद मृत्यु की गोद में जाकर एक जीवन को जन्म देती है और जीवन वही दे सकता है जो परमात्मा है। मां की महिमा केवल एक मां के रूप में नहीं बल्कि एक जीवन दाता प्रेम त्याग ममता समर्पण और देखभाल करने वाली मार्गदर्शक शिक्षिका के रूप में भी देखी जा सकती है। उसकी लोरी की धुन सारे दुखों को दूर कर उगते सूरज को सलाम करने के लिए प्रेरित करती है। विद्यालय के निदेशक डॉ मनीष देवा ने कहा कि मां की महिमा का गुणगान जितना किया जाए उतना ही कम है वह मां ही है जो बच्चों के लिए अपना सुख श्रृंगार भी त्यागने को तैयार रहती है वह जीवनदायिनी बन के सबको अस्तित्व में लाती है तभी तो वह मां कहलाती है।CONTACT FOR NEWS &  ADD –  7903657987


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