
सर्वमंगला सिद्धाश्रम परिसर में महर्षि वाल्मीकि जयंती समारोह का आयोजन
संस्कृत और संस्कृति के प्रणेता महर्षि वाल्मीकि पूज्यनीय
बेगूसराय। कार्तिक कल्पवास महोत्सव के शुभ अवसर पर सर्वमंगला सिद्धाश्रम परिसर में महर्षि चिदात्मन वेद विज्ञान अनुसंधान न्यास के तत्वावधान में महर्षि वाल्मीकि जयंती समारोह का आयोजन स्वामी चिदात्मन महाराज के परम सानिध्य में आयोजित किया गया। विषय प्रवेश करते हुए न्यास के उप निदेशक प्रो अबधेश झा ने कहा कि संस्कृत संस्कृति और संस्कार ही अपना आधार है संस्कृत और संस्कृति के प्रणेता महर्षि वाल्मीकि पूज्यनीय हैं। महर्षि वाल्मीकि ने ही सर्वप्रथम विखंडित भारत को अखंडित कर सभी दुख ताप रहित रामराज स्थापित किया किया। स्वामी प्रेम तीर्थ महाराज ने कहा कि डाकू रत्नाकर राम राम जपकर डाकू से महर्षि वाल्मीकि बन गए। धनंजय श्रोत्रिय ने कहा कि आदि कवि महर्षि वाल्मीकि अपने तप बल से साक्षात ब्रह्म के समान हो गए। डॉ धनाकर ठाकुर ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि एक विलक्षण प्रतिभा से लक्षित व्यक्ति थे जब संपूर्ण आर्य ब्राह्मणवादी व्यवस्था में व्यस्त है नारी और दलित उत्पीड़ित इस समय हो रहे थे उस समय डाकू रत्नाकर समाज में महर्षि वाल्मीकि के रूप में प्रतिष्ठित होकर समाज को एक नई दिशा दी। समारोह के अध्यक्ष डॉ सच्चिदानंद पाठक ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि का जीवन यह संदेश देता है कि शिव संकल्प से और दृढ़ इच्छा शक्ति से मानव देवत्व की प्राप्ति कर सकता है।
अध्यक्षता डॉ सचिदानंद पाठक संचालक डॉ घनश्याम झा और स्वामी सत्यानंद के द्वारा किया गया। समारोह का विधिवत उद्घाटन सभी सम्मानित अतिथि के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया शुभारंभ पंडित कन्हैया झा दिगंबर झा रमेश झा राजेश झा लक्ष्मण झा दिनेश झा रजनीश झा हंस झा के संयुक्त स्वर से हुआ। स्वागत गान मीनाक्षी और नंदनी कुमारी के द्वारा किया गया। इस अवसर पर संस्थान के सभी सदस्य तथा न्यास के निदेशक डॉ विजय झा सचिव सुधीर चौधरी उप सचिव प्रो प्रेम मीडिया प्रभारी नीलमणि नवीन प्रसाद सिंह दिनेश सिंह राजीव कुमार विजय कुमार सिंह निपेंद्र सिंह अरविंद चौधरी सुशील चौधरी सदानंद झा रंजना कुमारी विंदु झा श्याम राम लक्ष्मण ऋषिकेश झा सहित अन्य मौजूद थे।CONTACT FOR NEWS & ADD – 7903657987











