बिहार में डबल इंजन की सरकार यहां शिक्षा के क्षेत्र में हाल देख लगता मलाल
बेगूसराय। भारत आजादी के समय गरीब मुल्क था लेकिन इस गरीब मुल्क ने सबसे ज्यादा बुनियादी चीजों पर ध्यान दिया है वो है शिक्षा। बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर ने कहा शिक्षित बनो संघर्ष करो संगठित करो। आजाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना आजाद हुए और उनके जमाने में फ्री शिक्षा की व्यवस्था की गई थी यूजीसी कॉलेज स्कूल कॉलेज यूनिवर्सिटी मेडिकल कॉलेज आईआईटी एम्स बने। इंदिरा गांधी जमींदारी उन्मूलन के साथ बैंकों का नेशनलाइजेशन किया यूनिवर्सिटी कॉलेज लगातार खुलते रहे। राजीव गांधी इतिहास के छात्रों को आइडियोलॉजी जवाहर नवोदय विद्यालय खोले गए और मुफ्त में शिक्षा दी गई। मनमोहन सिंह के समय में विश्विद्यालय खुले लेकिन पिछले दस वर्षों में शिक्षा का जो हाल है इतना ज्यादा महंगा कर दिया गया है कि आमलोगों के बस की बात नहीं है। ये बातें बिहार संवाद कार्यक्रम यात्रा पर निकले दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रो रतन लाल ने रामकुमारी अयोध्या विधि महाविद्यालय के सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता में बताया। उन्होंने बताया कि बिहार का रहने वाला हूं दिल्ली यूनिवर्सिटी में इतिहास पढ़ाता हूं।

उन्होंने बताया कि किसी समाज की हत्या करनी है तो बहुत कुछ नहीं करना है सिर्फ उसका एजुकेशन सिस्टम तबाह कर देना है और एजुकेशन सिस्टम तबाह होगा तो पढ़े लिखे वर्ग नहीं आएंगे। पिछले के जमाने में दलित स्वर्ण या पिछड़ा कोई भी हो सब मिडिल क्लास के इन्फोर्मेशन और पब्लिक इंस्टीट्यूशन के थ्रू हुआ है और पब्लिक इंस्टीट्यूशन के थ्रू फ्री ऑफ कॉस्ट एजुकेशन और दलितों को खास तौर से फ्री स्कॉलरशिप से हुआ है। हम पढ़ते थे जीरो बैलेंस पर एडमिशन होता था पूरा मिडिल क्लास का बुनियाद शिक्षा ही था। पंडित नेहरू के जमाने में शिक्षा नौकरी और पेंशन मिला और अटल बिहारी वाजपेई आए तो सबसे पहले पेंशन खत्म निजीकरण और शिक्षा का जो हाल है अपलोगों से छुपा हुआ नहीं है। आईआईटी मेडिकल कॉलेज में दलितों को पूर्व के जमाने में नामांकरण और नौकरियां मिल रही थी और अब के जमाने में हाल सबके लिए बदहाल है। हमलोग पूरे बिहार में संवाद कार्यक्रम पर निकले हैं। बिहार में डबल इंजन की सरकार है यहां शिक्षा के क्षेत्र में हाल बदहाल है बील्डिंग जरूर बन रहा है इसको बनने में क्या क्या होता है क्या लाभ है सब जानते हैं। बीए एमए में एडमिशन कराने के लिए कोचिंग पढ़ाते हैं और लाखों रुपए खर्च होता है शिक्षा को नहीं बचा पाए तो कुछ नहीं बचेगा। पूर्व में शिक्षा व्यवस्था में एडहॉक सिस्टम था लेकिन अब मोदी जी एडहॉक सिस्टम को खत्म कर सैलरी को वेज में बदल दिया है। बिहार की स्थिति को देखकर दंग रहता हूं रोजगार छीना जा रहा है अब चुप्पी तोड़नी होगी समाज को झकझोरना होगा।
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