
किसानों की बात किए बिना ग्रामीण क्षेत्रों का विकास नहीं हो सकता : सर्वेश कुमार
ग्रामीण विकास में स्वामी सहजानंद सरस्वती का योगदान विषय पर वक्ताओं ने रखे अपने विचार
जीजीआइएमएस में दो दिवसीय सेमिनार का उद्घाटन
बेगूसराय। गंगा ग्लोबल इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट एंड स्टडीज में दो दिवसीय सेमिनार का उद्घाटन एमएलसी सर्वेश कुमार ने संयुक रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने ग्रामीण विकास में स्वामी सहजानंद सरस्वती का योगदान विषय प्रवेश कराते हुए एमएलसी श्री कुमार ने कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती पहले किसान नेता थे जिन्होंने यह सोचा कि किसान कैसे सुदृढ़ होंगे। उनका विकास कैसे होगा। बिना किसानों की बात किए ग्रामीण क्षेत्रों का विकास नहीं हो सकता। हमें भी सोचना होगा कि ग्रैन्युल और केमिकल फर्टिलाइजर के उपयोग को कम करते हुए लिक्विड फर्टिलाइजर की उपयोगिता कैसे बढ़ाएंगे। हमें उस दिशा में काम करना होगा जिससे हमारी उत्पादकता बढ़े और किसान सुदृढ़ हों। हमें हवा और पानी की चिंता करनी होगी। हवा पानी मिट्टी हमारी साझी विरासत है इसे हर हाल में सहेजना होगा।
क्या कहते हैं एमएलसी सर्वेश कुमार
आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के पूर्व डीन प्रो विजय बहादुर ने कहा कि हमारे देश की आत्मा गांव में बसती है। यही आत्मा ग्रामीण अर्थव्यवस्था से सीधी जुड़ी है। स्वामी सहजानंद सरस्वती का जीवन किसानों को समर्पित रहा है। हम कृषि और खेत से दूर हुए तो सामाजिक ताना बाना टूट गया है। जरूरत है गांव में लौटने की लेकिन इसके लिए लगाव भी होना चाहिए। लेकिन हम गांव इस शर्त पर लौटें कि जिन जरूरतों के लिए शहर गए थे वे अब गांव में ही उपलब्ध हों। केवल इंफ्रास्टक्चर देने भर से काम नहीं चलेगा।
आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के पूर्व डीन प्रो विजय बहादुर ने कहा
श्रीकृष्ण महिला कॉलेज की पूर्व प्रिंसिपल स्वप्ना चौधरी ने कहा कि किसान जागेगा तो भारत जागेगा यह आज के नेता के नहीं बल्कि स्वामी सहजानंद सरस्वती की भाषा है।
टाटा मोर्ट्स जमशेदपुर से सेवानृवित्त सीनियर असिस्टेंट जेनरल मैनेजर प्रो चंद्रेश्वर खां ने कहा कि हर काल में पावर ऑफ ट्रांसफार्मेशन देखने को मिला है। ग्रास रूट डेवलपमेंट गांव में रहता है। अगर हमारा रूट ही सूखने लगेगा तो फल कैसे बेहतर होगा। युवा जब कुछ करने की सोचेंगे तो नया वायुमंडल बनेगा। वायु पानी और भूमि सब नया हो जाएगा। जब सब नया होगा तो वह पहले से ज्यादा उर्वर होगा। वायु पानी और भूमि को नया बनाने के लिए युवाओं को आगे आना होगा।

हमारा एग्रीकल्चर देश के कल्चर को दर्शाता है।
इंटरप्रेन्योर आयुष कुमार ने कहा कि हमारा एग्रीकल्चर देश के कल्चर को दर्शाता है। 63 प्रतिशत आबादी गांव में रहती है। इन 63 प्रतिशत आबादी पर 50 प्रतिशत अर्थव्यवस्था टिकी है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने का जो सपना स्वामी सहजानंद सरस्वती ने देखा था उसे अब तक जमीन पर पूर्ण रूप से नहीं उतारा जा सका है। पहले बीसीए चतुर्थ सेमेस्टर की छात्रा सपना और अन्य छात्राओं ने श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भाव भय दारुणम् गाकर … अतिथियों का स्वागत किया। एमएलसी श्री कुमार और कॉलेज के अन्य प्रोफेसरों ने अतिथियों का स्वागत चादर पाग किताब देकर किया। सेमिनार का उद्घाटन एमएलसी सर्वेश कुमार आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के पूर्व डीन प्रो विजय बहादुर श्रीकृष्ण महिला कॉलेज की पूर्व प्रिंसिपल स्वप्ना चौधरी टाटा मोर्ट्स जमशेदपुर से सेवानृवित्त सीनियर असिस्टेंट जेनरल मैनेजर प्रो चंद्रेश्वर खां जीजीआइएमएस की प्राचार्य डॉ सुधा झा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मंच संचालन प्रो परवेज युसूफ कार्यक्रम संयोजन प्रो सबाहत अंजुम और प्रो. विवेक कुमार तो धन्यवाद ज्ञापन डॉ अभिजित कुमार ने किया।
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